Fakrina Andaz

Nonfiction, Religion & Spirituality, Philosophy
Cover of the book Fakrina Andaz by O. P. Jha, Diamond Pocket Books Pvt ltd.
View on Amazon View on AbeBooks View on Kobo View on B.Depository View on eBay View on Walmart
Author: O. P. Jha ISBN: 9789352965748
Publisher: Diamond Pocket Books Pvt ltd. Publication: March 2, 2019
Imprint: Language: English
Author: O. P. Jha
ISBN: 9789352965748
Publisher: Diamond Pocket Books Pvt ltd.
Publication: March 2, 2019
Imprint:
Language: English

फ़क़ीराना अंदाज़ शिर्डी साईबाबा के जीवन पर आधारित एक विशिष्ट उपन्यास है। हिंदी साहित्य में साईबाबा के जीवन पर यह पहला उपन्यास है। इसमें साईबाबा के जीवन के माध्यम से प्रेम के विराट स्वरूप को देखने का प्रयास किया गया है, उस प्रेम को जिसे कई बार लोग अनिवर्चनीय कहते हैं। यह प्रेम साईं के रोम-रोम में बसा था। लेकिन उसकी अभिव्यक्ति साईं ने सहज रूप में की जिसे लोगों ने केवल महसूस किया और उसे ही उपन्यास लेखक ने फ़क़ीराना अंदाज़ कहा है। जो भी साईबाबा के सान्निध्य में आए उन सभी ने इस अनिवर्चनीय प्रेम का रसास्वादन किया। इस फ़क़ीर ने लाखों प्यासी आत्माओं को तृप्त कर दिया। लाखों की मैली चदरिया साफ हो गई। ऐसा नहीं था कि इस र्साइं के जीवन में दुख के क्षण नहीं आए। ऐसे क्षण में ही तो साईं के चाहने वालों को आभास होने लगता था कि बाबा मानवीय संवेदना से प्रभावित होने की लीला कर कहे हैं। लेकिन साईं सचमुच दूसरे के दुख से प्रभावित होते थे और उनके निदान का उपाय करते थे। साईं के सान्निध्य में सत्य, प्रेम और समर्पण समनार्थक शब्द बन गए। ‘‘सत्यम् शिवम् सुन्दरम्’’ से परिपूर्ण उनकी गतिविधि ही उनका फ़क़ीराना अंदाज़ था। साईं के उसी अंदाज़ को इस उपन्यास में शब्दों के माध्यम से उकेरा गया है। यह उपन्यास अपनी कथा-वस्तु और प्रस्तुति की दृष्टि से महान कृतियों की श्रेणी में रखे जाने योग्य है।

View on Amazon View on AbeBooks View on Kobo View on B.Depository View on eBay View on Walmart

फ़क़ीराना अंदाज़ शिर्डी साईबाबा के जीवन पर आधारित एक विशिष्ट उपन्यास है। हिंदी साहित्य में साईबाबा के जीवन पर यह पहला उपन्यास है। इसमें साईबाबा के जीवन के माध्यम से प्रेम के विराट स्वरूप को देखने का प्रयास किया गया है, उस प्रेम को जिसे कई बार लोग अनिवर्चनीय कहते हैं। यह प्रेम साईं के रोम-रोम में बसा था। लेकिन उसकी अभिव्यक्ति साईं ने सहज रूप में की जिसे लोगों ने केवल महसूस किया और उसे ही उपन्यास लेखक ने फ़क़ीराना अंदाज़ कहा है। जो भी साईबाबा के सान्निध्य में आए उन सभी ने इस अनिवर्चनीय प्रेम का रसास्वादन किया। इस फ़क़ीर ने लाखों प्यासी आत्माओं को तृप्त कर दिया। लाखों की मैली चदरिया साफ हो गई। ऐसा नहीं था कि इस र्साइं के जीवन में दुख के क्षण नहीं आए। ऐसे क्षण में ही तो साईं के चाहने वालों को आभास होने लगता था कि बाबा मानवीय संवेदना से प्रभावित होने की लीला कर कहे हैं। लेकिन साईं सचमुच दूसरे के दुख से प्रभावित होते थे और उनके निदान का उपाय करते थे। साईं के सान्निध्य में सत्य, प्रेम और समर्पण समनार्थक शब्द बन गए। ‘‘सत्यम् शिवम् सुन्दरम्’’ से परिपूर्ण उनकी गतिविधि ही उनका फ़क़ीराना अंदाज़ था। साईं के उसी अंदाज़ को इस उपन्यास में शब्दों के माध्यम से उकेरा गया है। यह उपन्यास अपनी कथा-वस्तु और प्रस्तुति की दृष्टि से महान कृतियों की श्रेणी में रखे जाने योग्य है।

More books from Diamond Pocket Books Pvt ltd.

Cover of the book Naturopathy for Better Health by O. P. Jha
Cover of the book Be Your Own Astrologer: Ascendant Scorpio a Comprehensive Introduction by O. P. Jha
Cover of the book Teachings and Philosophy of Buddha by O. P. Jha
Cover of the book Learn to Slap Your Child by O. P. Jha
Cover of the book Brahmvaivart Puran by O. P. Jha
Cover of the book Stress by O. P. Jha
Cover of the book Chanakya by O. P. Jha
Cover of the book Nothing is Impossible by O. P. Jha
Cover of the book Selected Stories of Dr. Ramesh Pokhriyal ‘Nishank’ by O. P. Jha
Cover of the book Lord Mahavira by O. P. Jha
Cover of the book Kasturba Gandhi by O. P. Jha
Cover of the book Mother Teresa by O. P. Jha
Cover of the book Pride of the Nation: Ratan Tata by O. P. Jha
Cover of the book रूठी रानी : Ruthi Rani by O. P. Jha
Cover of the book Dhirubhai Ambani by O. P. Jha
We use our own "cookies" and third party cookies to improve services and to see statistical information. By using this website, you agree to our Privacy Policy