Apne Vetan Aur Anulabhon Par Tax Kaise Bachayen

अपने वेतन और अनुलाभों पर टैक्स कैसे बचाएं - निर्धारण वर्ष 2012-2013

Business & Finance, Personal Finance, Taxation
Cover of the book Apne Vetan Aur Anulabhon Par Tax Kaise Bachayen by R. N. Lakhotia, Subhash Lakhotia, Diamond Pocket Books Pvt ltd.
View on Amazon View on AbeBooks View on Kobo View on B.Depository View on eBay View on Walmart
Author: R. N. Lakhotia, Subhash Lakhotia ISBN: 9789352787869
Publisher: Diamond Pocket Books Pvt ltd. Publication: January 5, 2018
Imprint: DPB Language: Hindi
Author: R. N. Lakhotia, Subhash Lakhotia
ISBN: 9789352787869
Publisher: Diamond Pocket Books Pvt ltd.
Publication: January 5, 2018
Imprint: DPB
Language: Hindi

देश में इन्कम टैक्स चुकाने वाले वेतनभोगी लोगों की संख्या बहुत ज्यादा है। उनमें से अधिकतर लोग यह समझते हैं कि टैक्स प्लानिंग का दायरा, जो कि उनके टैक्स के भार को कानूनी और विधिवत् रूप से कम कर सकता है, अत्यंत सीमित है। लेकिन यह सच नहीं है! बल्कि इसके विपरीत, सच यह है कि एक वेतनभोगी इन्कम टैक्स अदाकर्ता अनुलाभों और कुछ अन्य विशेष भत्तों की समझदारी से टैक्स प्लानिंग करके कानूनी तरीके से बड़ी मात्रा में इन्कम टैक्स बचा सकता है और वह भी इतना कि कुछ मामलों में अदा किए जाने वाले इन्कम टैक्स को 50% तक कम किया जा सकता है; तो कुछ मामलों में यह बिल्कुल शून्य भी किया जा सकता है कि उसे चुकाने की जरूरत ही न पड़े क्योंकि विभिन्न अधिसूचनाओं एवं इनकम टैक्स नियमों द्वारा विभिन्न अनुलाभों व भत्तों को प्रदान की गई टैक्स छूट के माध्यम से ऐसा करना संभव है। किंतु इसके लिए उन सभी वेतनभोगियों को सभी अनुलाभों से संबंधित प्रावधानों की विस्तृत जानकारी होना अनिवार्य है जिनमें निदेशक मुख्य कार्यकारी, वरिष्ठ कार्यपालक/अधिकारीगण, कनिष्ठ कार्यपालक अधिकारीगण तथा समस्त कर्मचारी व कामगार शामिल हैं और यही बताना इस पुस्तक का उद्देश्य हैं।

View on Amazon View on AbeBooks View on Kobo View on B.Depository View on eBay View on Walmart

देश में इन्कम टैक्स चुकाने वाले वेतनभोगी लोगों की संख्या बहुत ज्यादा है। उनमें से अधिकतर लोग यह समझते हैं कि टैक्स प्लानिंग का दायरा, जो कि उनके टैक्स के भार को कानूनी और विधिवत् रूप से कम कर सकता है, अत्यंत सीमित है। लेकिन यह सच नहीं है! बल्कि इसके विपरीत, सच यह है कि एक वेतनभोगी इन्कम टैक्स अदाकर्ता अनुलाभों और कुछ अन्य विशेष भत्तों की समझदारी से टैक्स प्लानिंग करके कानूनी तरीके से बड़ी मात्रा में इन्कम टैक्स बचा सकता है और वह भी इतना कि कुछ मामलों में अदा किए जाने वाले इन्कम टैक्स को 50% तक कम किया जा सकता है; तो कुछ मामलों में यह बिल्कुल शून्य भी किया जा सकता है कि उसे चुकाने की जरूरत ही न पड़े क्योंकि विभिन्न अधिसूचनाओं एवं इनकम टैक्स नियमों द्वारा विभिन्न अनुलाभों व भत्तों को प्रदान की गई टैक्स छूट के माध्यम से ऐसा करना संभव है। किंतु इसके लिए उन सभी वेतनभोगियों को सभी अनुलाभों से संबंधित प्रावधानों की विस्तृत जानकारी होना अनिवार्य है जिनमें निदेशक मुख्य कार्यकारी, वरिष्ठ कार्यपालक/अधिकारीगण, कनिष्ठ कार्यपालक अधिकारीगण तथा समस्त कर्मचारी व कामगार शामिल हैं और यही बताना इस पुस्तक का उद्देश्य हैं।

More books from Diamond Pocket Books Pvt ltd.

Cover of the book Creating Leadership: Illustrations from My Top Cop Years by R. N. Lakhotia, Subhash Lakhotia
Cover of the book A Beacon of Hope For The Childless Couples by R. N. Lakhotia, Subhash Lakhotia
Cover of the book Healthy Heart by R. N. Lakhotia, Subhash Lakhotia
Cover of the book Yoga for Reversal of Heart Disease by R. N. Lakhotia, Subhash Lakhotia
Cover of the book Rabindranath Tagore : રવીન્દ્રનાથ ટાગોર by R. N. Lakhotia, Subhash Lakhotia
Cover of the book Dr. Radhakrishnan : डॉ. राधाकृष्णन by R. N. Lakhotia, Subhash Lakhotia
Cover of the book Vaastu, Feng Shui Industry and Business by R. N. Lakhotia, Subhash Lakhotia
Cover of the book Monuments of India by R. N. Lakhotia, Subhash Lakhotia
Cover of the book Wonders of Numbers by R. N. Lakhotia, Subhash Lakhotia
Cover of the book Management Guru Bhagwan Sri Ram by R. N. Lakhotia, Subhash Lakhotia
Cover of the book Mother Teresa by R. N. Lakhotia, Subhash Lakhotia
Cover of the book The Immortal Philosopher of India: Swami Vivekananda by R. N. Lakhotia, Subhash Lakhotia
Cover of the book Markandeya Puran by R. N. Lakhotia, Subhash Lakhotia
Cover of the book Saurav is now Successful by R. N. Lakhotia, Subhash Lakhotia
Cover of the book Alfred Nobel by R. N. Lakhotia, Subhash Lakhotia
We use our own "cookies" and third party cookies to improve services and to see statistical information. By using this website, you agree to our Privacy Policy